इक चाँद यूं जमीं पर आया, मानों…!!
इक चाँद यूं जमीं पर आया, मानों…!! मेरे ख्वाब उमर ख्वाहिशों में तब्दील हो गए, आंखें खुली हैं मेरी जबसे…!! मैं एक टूटा तारा सा...
इक चाँद यूं जमीं पर आया, मानों…!! मेरे ख्वाब उमर ख्वाहिशों में तब्दील हो गए, आंखें खुली हैं मेरी जबसे…!! मैं एक टूटा तारा सा दिखता हूं. लेखक: हिमांशु मयंक loading…