कोई बता दो मुझे!
क्यों देर सी हो जाती राहों में, जब तक ना भटक जाते राही. क्यों हो जाती शामें जिन्दगी में, मिले ना जब तक सुबह सुनहरा....
क्यों देर सी हो जाती राहों में, जब तक ना भटक जाते राही. क्यों हो जाती शामें जिन्दगी में, मिले ना जब तक सुबह सुनहरा. क्यों बहती नदी यूं ही है चलती, मिले ना जब तक मुक्कमल संगम. क्यों हो जाती है रात आखिर जब तक सूरज नहीं निकलता. क्यों हो जाती शांत नदी प्यार...