देखा जो मैंने अपने मित्र का बटुआ
देखा जो मैंने अपने मित्र का बटुआ, ना जाने मुझे ये क्या हुआ… था दिल बड़ा उसका या समझ मेरी छोटी खर्च करते वक्त खुद...
देखा जो मैंने अपने मित्र का बटुआ, ना जाने मुझे ये क्या हुआ… था दिल बड़ा उसका या समझ मेरी छोटी खर्च करते वक्त खुद की ना सोची, बातें करता था हर वक्त खर्चे देने की मुझे कभी एक रुपये की भी ना करने दी. देखा जो मैंने अपने मित्र का बटुआ, ना जाने मुझे...