महफ़िल में हो तू किसी की जुबां से बयां
“अब और क्या ऐ दिल, इश्के – महफ़िल में हो तू किसी की जुबां से बयां, कभी किसी की वफ़ा से बयां, तो कभी किसी...
“अब और क्या ऐ दिल, इश्के – महफ़िल में हो तू किसी की जुबां से बयां, कभी किसी की वफ़ा से बयां, तो कभी किसी की बेवफ़ाई से बयां | लेखक: राजेश शर्मा loading…