फकीरों में सहजादा दिल है मेरा…!!
कुछ पल को लगता है यूँ तुम करीब हो मेरे फिर दूसरे ही पल तुम जुदा क्यों हो? रहते हो तुम दिल के करीब मेरे...
कुछ पल को लगता है यूँ तुम करीब हो मेरे फिर दूसरे ही पल तुम जुदा क्यों हो? रहते हो तुम दिल के करीब मेरे...
कुछ ना पूछ हिमांक के क्या हुआ है किस फ़िराक़ में मेरा दिल रोया है मेरी मासूमियत पर हंसा है ज़माना मुकम्मल प्यार की ख्वाबों...
कमली मैं….!! ~~~~~~~~~~~ राह ताकती मैं बैठी एक तेरी कभी चुपके कभी छुपके कभी दबे पांव आना तेरा. मैं बेहती जाऊं धारा में तेरी प्यार...
माना कि तू खुद को जुदा कर लेगा मुझसे पर खुद को कैसे जुदा कर पाएगा मेरी यादों से।।। माना कि मैं तेरे लायक नहीं...
जब भी कदम उनके घर की दहलीज पर पड़ती होगी सच कहूं वो याद मुझे करती होंगी जिस दहलीज पर हाथों में हाथ डाल हम...
“वो आये नज़र ऐसे, जैसे चाँद उतारा हो किसी ने आसमां से जमी पर | लगता है अब आसमां को भी आना पड़ेगा, अपने चाँद...
“तेरे दीदार की तमन्ना कब इस दिल को, करीबियों से ना थी, मगर क्या हो अफ़सोस, तू ख्यालों में थी, मेरी आगोशियों में ना थी|...
मेहरमां मेरे, मेहरम कर मुझ पर तू जैसा भी हूं तेरा ही हूं जब करूं मैं आंखें बंद दिखे मुझे तू ही तू खोलूं मैं...
काश! वो इंसान मुझे मिल जाए, जिंदगी कहीं सी हो जाए, हम उनमें ऐसे बस जाए, कि ख्वाबों में भी जुदा न हो पाए…..!! लेखक:...
“क्या कर रहे हो तुम? दूर रहो मुझसे, पास मत आओ मेरे. क्या… क्या लगते हो तुम मेरे?”, आँखों में आँसू पर चेहरे पर प्यार...