यादों की तस्वीर को समर्पित एक पत्र
शायद ही कोई ऐसा इंसान हो जो माता पिता के कर्त्तव्यों को चुका सके…क्योंकि जो उन्होंने हमारे लिए किया होता है उसको बस एक याद...
शायद ही कोई ऐसा इंसान हो जो माता पिता के कर्त्तव्यों को चुका सके…क्योंकि जो उन्होंने हमारे लिए किया होता है उसको बस एक याद बना के ही संजोया जा सकता है। उन्ही धुंधली यादों से आज एक तस्वीर निकाल लाया हूँ जो आज मन को बार बार कचोट रही थी…उनकी यादें आज इस खालीपन...