तुम्हारी आँखें हमारी तरह समंदर तो नहीं
तुम्हारे बाल हमारी तरह लंबे तो नहीं, पर मन चाहता कि हाथ फेरती रहूँ रुँकू नहीं। तुम्हारी आँखें हमारी तरह समंदर तो नहीं, पर किसी...
तुम्हारे बाल हमारी तरह लंबे तो नहीं, पर मन चाहता कि हाथ फेरती रहूँ रुँकू नहीं। तुम्हारी आँखें हमारी तरह समंदर तो नहीं, पर किसी ठहरे हुए पानी की झील से कम नहीं। तुम्हारे होंठ हमारी तरह सूर्ख गुलाब तो नहीं, पर गुलाब में मौजूद काँटे भी तो नहीं। तुम्हारी गर्दन हमारी तरह नाजुक तो...