एक दूजे के लिए…..भाग-2
फिर वो पीछे की तरफ मुड़ती हैं देखने के लिए। रश्मि उठो सुबह हो गई हैं। मम्मी आप? हाँ, मैं क्यों क्या हुई। देख कितने...
फिर वो पीछे की तरफ मुड़ती हैं देखने के लिए। रश्मि उठो सुबह हो गई हैं। मम्मी आप? हाँ, मैं क्यों क्या हुई। देख कितने...
उम्र बीत जाए हर पल गुज़र जाए रैना बीती जाए जब तू साथ हो जब भी पल कोई उदास हो खुशियां भी ना साथ हो...
कुछ पल को लगता है यूँ तुम करीब हो मेरे फिर दूसरे ही पल तुम जुदा क्यों हो? रहते हो तुम दिल के करीब मेरे...
कुछ ना पूछ हिमांक के क्या हुआ है किस फ़िराक़ में मेरा दिल रोया है मेरी मासूमियत पर हंसा है ज़माना मुकम्मल प्यार की ख्वाबों...
कमली मैं….!! ~~~~~~~~~~~ राह ताकती मैं बैठी एक तेरी कभी चुपके कभी छुपके कभी दबे पांव आना तेरा. मैं बेहती जाऊं धारा में तेरी प्यार...
माना कि तू खुद को जुदा कर लेगा मुझसे पर खुद को कैसे जुदा कर पाएगा मेरी यादों से।।। माना कि मैं तेरे लायक नहीं...
उदासियों की छुअन बैचेन मन ढूंढे अपनापन बेदर्द जमाने में. दिल उलझा है कुछ भी ना सुलझा है है ढूंढ़ता सुकूं बेदर्द जमाने में. है...
तू खुद को तो जुदा, कर लेगा मुझसे पर खुद को कैसे, जुदा कर पाएगा मेरी यादों से…??? लेखक: शशि रावत loading…
कभी धुंधला सी गईं यादें तेरी कभी हमने ना देखा, तस्वीर को तेरी कुछ उलझ सा गया था तुझमें ही, बन तुझ जैसा. जब भी...
“मेहरबां वो जब से महजबीं दिल पे हमारे हुए, तमाम हंसी नज़ारे तब से फ़कत उनके, बेगाने हुए| अब और क्या उफ़! किसी के तलबगार...