मेरे चेहरे पर लटें लहराई
अचानक पढ़ते समय मेरे चेहरे पर लटें लहराई जैसे बिन बादल के बरसात झमाझम आई हवा का साथ पाते ही आकाश को छूने की तमन्ना...
अचानक पढ़ते समय मेरे चेहरे पर लटें लहराई जैसे बिन बादल के बरसात झमाझम आई हवा का साथ पाते ही आकाश को छूने की तमन्ना कभी इधर कमर बलखाती कभी उधर नैन-मटका करती अचानक ठिठोली की आवाज़ गूँजी मेरे कानों पर मौन होकर सुनने लगी उनकी कहीं बातों पर लटों को काफी गुरूर था अपने...