तुम्हारा शर्माते हुए नजरें चुराना
खिली-खिली शाम, खुला आसमां, आसमान में बेधड़क उड़ते पंछी, सूरज की डूबती किरणें, दूर-दूर तक दिखते पर्वत, शीत भरा वातावरण, खुशनुमा माहौल और…. हम्म्म्म्म… तुम...
खिली-खिली शाम, खुला आसमां, आसमान में बेधड़क उड़ते पंछी, सूरज की डूबती किरणें, दूर-दूर तक दिखते पर्वत, शीत भरा वातावरण, खुशनुमा माहौल और…. हम्म्म्म्म… तुम हो ना पास मेरे. चहचहाते पंछी, सुरमई कोयल की आवाज़ें, तुम्हारी मीठी-मीठी प्यारी-प्यारी बातें, जिसे सुनकर ज़ी मेरा बस तुम्हें ही देखने और तुमसे ही बातें करने को मचल रहा...