कानपूर में हुए रेल हदीस में 142 लोगों की जान जाने की जिम्मेदार पाकिस्तानी की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI है.
ISI ने ही ट्रैक पर बम रखकर ट्रेन को उड़ाने की साजिश को अंजाम तक पहुंचाया। पुलिस ने बताया है कि बृजकिशोर गिरी नाम के शख्स के द्वारा ISI ने तीन तीन लाख रुपये देकर भारत में रेल की पटरियों पर बम प्लांट कराने की साजिश रची जिससे भारत में ट्रेन हादसे हों और ज्यादा से ज्यादा लोगों की मौत हो।
दो लड़कों अरुण राम और दीपक राम का नेपाल में मर्डर हुआ था, जो कि मोतिहारी बिहार के थे. इसके बाद पुलिस को उनके कातिलों का पता चला जो तीन क्रिमिनल्स उमाशंकर पटेल, मुकेश यादव और मोती पासवान थे जिन्होंने अरुण और दीपक को मारा था. दरअसल उन लड़को का मर्डर इसलिए किया गया था क्योंकि वो दोनों पहले ट्रैक को उड़ाने में विफल रहे थे.
घोड़ासहन में रेल ट्रैक पर बम प्लांट में ये दोनों लड़के फ़ैल रहे थे जिसके लिए उन्हें तीन तीन लाख रूपये दिए गए थे. इसी विफलता के कारण उन्हें नेपाल बुलाया गया था और उसके बाद वही जंगल में उनकी हत्या कर दी गयी थी.