हिंदुस्तान की सियासत के दांव पेंच हमेशा से दुनिया में मशहूर रहे हैं, चाहे वो कोई भी बात हो भारतीय सियासत के भाग्य विधाता हमेशा से ही बवाल काटने में आगे दिखाई देते है.
दरअसल बात ये है कि गाँधी जी के फोटो की जगह मोदी जी की फोटो को केवीआईसी के कैलेंडर और डायरी में प्रकाशित करने पे इस समय बिरोधी दलों ने एकसुर में इसका विरोध किया है और इस बात को लेके सियासत थोड़ा गर्म हो गयी है.
हर साल केवीआईसी के कैलेंडर और डायरी में महात्मा गाँधी के सूत कातने वाली फोटो छापी जाती थी पर इस बार मोदी जी गाँधी जी को रिप्लेस कर गए और फोटो में खुद सूत कातने में लग गए और जिसे लेके भरी गहमागहमी हो रही है.
ज्यादा बवाल मचते देख PM के कुछ अला अधिकारियों ने नाम न उजागर किये जाने कि शर्त पे यह बात फैलाने कि कोशिश में लगे हुए हैं कि मोदी जी नाराज़ हैं. और उन्होंने बताया कि बिना इजाजत सरकारी या प्राइवेट एंटिटी की तरफ से प्रधानमंत्री के फोटो के इस्तेमाल का यह पहला मामला नहीं है।
एक बड़े अधिकारी ने बताया, ‘प्रधानमंत्री को खुश करने या उनके करीब दिखने के लिए ऐसा पहली बार नहीं हुआ है।’
उन्होंने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की टेलीकॉम कंपनी जियो और मोबाइल वॉलेट सर्विस फर्म पेटीएम के ऐड में भी प्रधानमंत्री की फोटो का बिना इजाजत इस्तेमाल हुआ था।
नाव भारत टाइम्स में छपे एक न्यूज़ आर्टिकल में ये भी बताया गया कि PM ने कोई आधिकारिक मान्यता ऐसा करने कि नही दी थी.
अब सवाल ये उठता है कि अगर PMO कि तरफ से ऐसी कोई मान्यता नही थी तो फोटो में मोदी जी आये कैसे या फिर सिर्फ फोटोश्शोप का कमाल है.
वैसे ये भी देखने वाली बात है कि कुछ दिनों पहले ही JIO और PayTm के विज्ञापन में भी मोदी जी आ चुके हैं और उसके बाद भी कुछ ऐसी ही बातें सामने आयी थी जब इसके विरोध विपक्षी दलों ने किये था.