गौतम गंभीर को बड़े मैचों का बल्लेबाज कहा जाता था. गौतम गंभीर ने इस बात को साबित भी किया था कि जब-जब भारतीय टीम बड़े मैचों में पहुंचती थी, तब-तब गौतम गंभीर के बल्ले से खूब रन निकलता था. 2007 के टी-20 विश्व कप फाइनल में गौतम गंभीर ने 75 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली थी और वह मैच के टाॅप स्कोरर रहे. वहीं एकदिवसीय विश्व कप 2011 में गौतम गंभीर के बल्ले से 97 रनों की शानदार पारी निकली थी, जिसके वजह से भारत चैंपियन बन पाया था.
पुराने दिनों को याद करते हुए भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने एक किस्सा शेयर किया है जो इस समय खूब वायरल हो रहा है. इस किस्से में गंभीर ने उस पल को याद किया है जब वह फूट-फूटकर रो रहे थे. दिलचस्प बात यह है कि यह 2007 या 2011 विश्व कप के समय की बात नही है.
गौतम गंभीर ने कही ये बात
स्टार स्पोर्ट्स पर बात करते हुए गौतम गंभीर ने कहा कि,
‘मुझे याद है कि ऑस्ट्रेलिया में विश्व कप चल रहा था जब भारत को कंगारुओं के हाथों 1 रन की शिकस्त मिली थी. मुझे याद है कि सिर्फ एक बार मैं क्रिकेट के कारण रोया था. संभवत: इसलिए रोया था क्योंकि भारत केवल एक रन के अंतर से मैच हारा था. इसके बाद मैं कभी नहीं रोया. विश्व कप जीतने के बाद भी नहीं रोया.’
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क्या हुआ था उस मैच में
वक्त था साल 1992 का, वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करके 237/9 का स्कोर बनाया था. डीन जोंस ने 108 गेंदों में 90 रन की पारी खेली थी. भारत की तरफ से मनोज प्रभाकर और कपिल देव ने तीन-तीन विकेट लिए थे. बारिश के कारण यह मुकाबला 47 ओवर का खेला गया था.
जवाब में भारतीय टीम के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 93 रन की पारी खेलकर जीत का दावेदार बनाया था. हालांकि, भारतीय पारी बिखरी और वेंकटपति राजू आउट होने वाले आखिरी बल्लेबाज रहे थे. वो रन आउट हुए थे और भारत जीत दर्ज करने से केवल 1 रन से चूक गया था.
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