यूं ही जब कोई तुझ सा
सामने मेरे आ जाता है
उसे देखने को मैं
पीछे उसके चला जाता हूँ
सोचता मैं हूँ तू ही होगी शायद
गर होगी जो तुम
बताऊँगा हालात मैं दिल की
यूं ही जब कोई तुझ सा….
ये नैन मेरे तरस-तरस गये
मेरे नैन बरस-बरस गये
जिस पल तू साथ ना हो मेरी
अधूरी सी लगती है कहानी मेरी
यूं ही जब कोई तुझ सा….
ये दिल तड़प-तड़प जाये
आशियाँ दिल का उजड़-उजड़ जाये
तुम हो फलसफा मुहब्बत की मेरी
तेरी आदत सी हो गयी है मुझे
आँखें मेरी बस ढूंढता फिरे तुझे
यूं ही जब कोई तुझ सा….
दिल बिखर-बिखर जाये
सपना मेरा टूट-टूट जाये
तू जिधर-जिधर जाये
मेरा दिल तेरे पीछे
भागा चला आये…
यूं ही जब कोई तुझ सा
सामने मेरे आ जाता है….!!
PC: PROElvira Kalviste (Flikr)
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