क्यों देर सी हो जाती राहों में,
जब तक ना भटक जाते राही.
क्यों हो जाती शामें जिन्दगी में,
मिले ना जब तक सुबह सुनहरा.
क्यों बहती नदी यूं ही है चलती,
मिले ना जब तक मुक्कमल संगम.
क्यों हो जाती है रात आखिर
जब तक सूरज नहीं निकलता.
क्यों हो जाती शांत नदी प्यार की,
बिना मिले कोई किनारा.
क्यों होती है बारिश बोलो,
मन का आंगन जब रह जाये प्यासा.
क्यों दौड़ती है समय बताओ,
पीछे छोड़ यादें वो अपनी.
क्यों हो जाती है दूरी प्यार में बोलो,
मिले बिना कोई सहारा.
क्यों मिल जाती मौत है आखिर,
जिसने झेला है गमों का बेड़ा.
क्यों आश जगा जाता कोई,
देखा ना हो कभी जिसने सवेरा.
कोई बता दो मुझे!
PC: Wiissa (Flikr)
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