नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान एक कविता पढ़ी, जिसमें उन्होंने अपने आलोचकों और विपक्षी नेताओं को कड़ी प्रतिक्रिया दी। यह कविता उनकी सरकार के आत्मविश्वास और संघर्ष को दर्शाती है, साथ ही यह संदेश देती है कि उनकी सरकार ने देश की समस्याओं को सुलझाने के लिए कई मुश्किल दौरों को पार किया है।
कविता का संदर्भ
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “तमाशा करने वालों को क्या खबर, हमने कितने तूफानों को पार किए हैं।” यह पंक्तियां विशेष रूप से उन आलोचकों के लिए थीं जो सरकार पर लगातार हमला करते रहते हैं, विशेष रूप से विपक्षी दलों और उनके समर्थकों के लिए। मोदी ने इस कविता के माध्यम से यह जाहिर किया कि सरकार ने हर चुनौती का सामना किया है और वह आगे भी किसी से डरने वाली नहीं है।
क्या था प्रधानमंत्री का संदेश?
इस कविता के जरिए पीएम मोदी ने विपक्षी दलों को यह स्पष्ट संदेश दिया कि उनकी सरकार ने कई मुश्किल समय और संकटों का सामना किया है और वह तमाम आलोचनाओं और मुश्किलों के बावजूद अपने कार्यों में आगे बढ़ती जा रही है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आलोचना करना आसान होता है, लेकिन वास्तव में अपने देश के लिए काम करना और उसे तरक्की की राह पर ले जाना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह कविता एक ऐसे समय में पढ़ी, जब विपक्ष और कुछ आलोचक उनकी सरकार की नीतियों और फैसलों पर सवाल उठा रहे थे। इस कविता में छुपे संदेश ने उनके समर्थकों के बीच उत्साह भी बढ़ाया और यह दर्शाया कि पीएम मोदी देश के भविष्य के प्रति आत्मविश्वास से भरे हुए हैं।
आलोचकों के लिए कड़ी प्रतिक्रिया
कविता में पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जिन्होंने हमेशा तमाशा किया, वे यह नहीं समझ सकते कि उनके सामने कितने तूफान आए हैं। यह पंक्तियां उनकी सरकार की कठिन यात्रा और बढ़ते आत्मविश्वास को दर्शाती हैं, जिसे उन्होंने कई राजनीतिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करते हुए हासिल किया है।
समाप्ति
प्रधानमंत्री मोदी के इस कविता के माध्यम से दिए गए संदेश ने साफ कर दिया कि वह अपनी सरकार के कामकाज पर भरोसा रखते हैं और उन्होंने हर चुनौती को पार किया है। उनके शब्दों से यह भी स्पष्ट हुआ कि उनकी सरकार को आलोचनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता और वह देश के विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।