नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद सामने आए 11 एग्जिट पोल्स ने दिल्ली की राजनीतिक तस्वीर को एक नए रूप में पेश किया है। अधिकांश पोल्स में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की सत्ता में वापसी का अनुमान जताया गया है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए केवल 2 पोल्स में सरकार बनाने की संभावना दिखाई दी है।
भा.ज.पा. की सत्ता में वापसी
लगातार 27 साल से दिल्ली में सत्ता से बाहर रही भाजपा को 11 एग्जिट पोल्स में से 9 में विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलने की संभावना जताई गई है। इन पोल्स के अनुसार, भाजपा को दिल्ली में लगभग 45-50 सीटें मिल सकती हैं, जो कि स्पष्ट बहुमत से अधिक हैं। भाजपा की इस सफलता को दिल्ली में मोदी लहर और पार्टी की नई रणनीति का परिणाम बताया जा रहा है।
AAP के लिए चुनौती
AAP के लिए 2 पोल्स में ही सकारात्मक संकेत मिले हैं, जिनमें पार्टी को सत्ता में रहने का अनुमान जताया गया है। हालांकि, इन पोल्स में AAP को 25-30 सीटों के बीच ही मिलने की संभावना है, जो कि इस बार उसके लिए संकीर्ण बहुमत का संकेत हो सकता है। पार्टी के लिए यह चुनावी चुनौती होगी क्योंकि पिछले चुनाव में AAP को 62 सीटें मिली थीं।
सत्ता संघर्ष का मिजाज
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, इन एग्जिट पोल्स में जो तस्वीर सामने आई है, वह दिल्ली की राजनीति में एक दिलचस्प मोड़ को दर्शाती है। एक ओर भाजपा की जीत का अनुमान है, वहीं दूसरी ओर AAP के लिए कड़ी टक्कर से जूझने का अंदाजा है। अब दिल्ली के असली परिणाम के लिए 7 फरवरी को मतगणना का इंतजार रहेगा, जब ये पोल्स अपनी सही दिशा दिखा सकते हैं।
एग्जिट पोल्स की सीमाएं
हालांकि, एग्जिट पोल्स चुनाव परिणामों का सही अनुमान नहीं लगा सकते, लेकिन यह चुनावी माहौल और जनता की मंशा को समझने में एक अहम भूमिका निभाते हैं। इन पोल्स के परिणामों में अक्सर उतार-चढ़ाव होते हैं, और असली परिणाम कुछ अलग भी हो सकते हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के अंतिम परिणाम को लेकर सभी की निगाहें 7 फरवरी को मतगणना पर टिकी होंगी, जब स्पष्ट रूप से यह पता चलेगा कि दिल्ली की सत्ता किसके हाथ में जाएगी।