हिंदुस्तान में मुगल शासक रहे उन्होंने भारत में कई सौ साल तक राज किया। मुगलों ने भारतीय लोगों को खूब परेशान भी किया, लेकिन मुगल काल की हर बात जानने के लिए लोग बहुत उत्सुक रहते हैं, क्योंकि इनका इतिहास बहुत ही रोचक रहा है। इतिहास के बारे में जानकारी देने के लिए कई सारी मुगल काल की किताबें लिखी गईं। मुगल खाने-पीने के बहुत शौकीन हुआ करते थे और उनके ऊपर खूब किताबें लिखी गईं हैं।
‘जहांगीर्स इंडिया’ में खाने के बारे में लिखा गया
बता दें कि डच व्यापारी फ्रैंसिस्को पेल्सार्त ने एक किताब लिखी जिसका नाम ‘जहांगीर्स इंडिया’ था। उस किताब में उन्होंने ‘ट्रेवल्स ऑफ फ़्रे सेबेस्टियन मैनरिक’ में मुगलों के खाने का जिक्र किया था। मुगलों को खाने में शाही व्यंजन होते थे।
मुगल अपने खाने की चीजों में औषधियों को भी शामिल करते थे, जिससे कि वह और हेल्दी और ताकतवर बने रहें। मुगलों का खाना मौसम के हिसाब से तय होता था।
चावल के दाने पर चांदी से होता था वर्क
मुगल अपने बादशाही की वजह से जाने जाते थे। उनके खाने बहुत ही स्पेशल होते थे और उनके यह तो चावल बनते थे उस पर चांदी से वर्क किया जाता था। चांदी का वर्क इसलिए किया जाता था कि जिससे खाना पचने में आसानी होती थी और उससे कामोत्तेजना भी बढ़ता था। हमेशा ऐसा ही खाना गंगा नदी और बारिश के छने पानी से बनाया जाता था।
मुगलों का दरबार लगता था। जहां अमीर बड़ी ही शान से जाते थे। जहां वो लोग जरी के बेशकीती वस्त्र, रेशम और मलमल के भड़कीले व चमकीले वस्त्र पहनते थे। वहीं बादशाह अनके प्रकार के बहुमूल्य वस्त्र और आभूषण पहनते थे।
जहांगीर और हुमायूं ने नये-नये फैशनों की शुरुआत की
बता दें कि जहांगीर और हुमायूं ने नये-नये फैशनों की शुरुवात की थी। उस दौरान साफे और पगड़ी का प्रयोग प्रचलन में था। एक तरफ जहां हिन्दू पुरुष, धोती-कुर्ता तथा स्त्रियां घाघरा, साड़ी, अंगिया पहनती थीं।
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