नई दिल्ली। यूपीआई के जरिए किए जाने वाले लेन-देन पर एक अप्रैल 2023 से लगाए जाने वाले ट्रांजैक्शन चार्ज को लेकर नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने स्पष्टीकरण जारी किया है। एनपीसीआई ने यूपीआई पेमेंट पर चार्ज लगाये जाने की खबरों का खंडन किया है।
एनपीसीआई ने बुधवार को जारी रिलीज में कहा है कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) मुफ्त, तेज, सुरक्षित और निर्बाध बना रहेगा। इसके माध्यम से हर महीने बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स और कारोबारियों के लिए 8 अरब रुपये से अधिक लेन-देन बिल्कुल मुफ्त में किए जाते हैं। प्रेस रिलीज में कहा गया है कि ग्राहक और मर्चेंट के बीच किया गया बैंक अकाउंट से बैंक अकाउंट ट्रांजैक्शन बिल्कुल फ्री बना रहेगा। अगर आप अपने बैंक अकाउंट से दूसरे के बैंक अकाउंट में यूपीआई के जरिए लेन-देन कर रहे हैं तो आपको कोई शुल्क नहीं देना होगा। 99 फीसदी से ज्यादा लेन-देन इसी तरह के होते हैं।
एनपीसीआई ने कहा कि रेग्युलेटरी गाइडलाइंस के मुताबिक प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI Wallets) अब इंटरऑपरेबल यूपीआई इकोसिस्टम का हिस्सा है। इसे देखते हुए एनपीसीआई ने पीपीआई वॉलेट्स को इंटरऑपरेबल यूपीआई इकोसिस्टम का हिस्सा होने की इजाजत दे दी है। इंटरचेंज चार्ज केवल पीपीआई मर्चेंट ट्रांजैक्शन (Prepaid Payment Instruments Merchant Transactions) पर ही लागू होगा और कस्टमर को इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
तो फिर किस पर असर पड़ेगा?
प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (पीपीआई) के जरिए मर्चेंट UPI ट्रांजैक्शन पर यह चार्ज लगेगा। पीपीआई का मतलब पेटीएम वॉलेट, फोनपे वॉलेट, अमेजन पे, फ्रीचार्ज वॉलेट, मोबिक्विक वॉलेट व अन्य से हैं। यह पूरी तरह से मर्चेंट और बैंक से जुड़ा मामला है। मर्चेंट का मतलब उस दुकानदार से है जिसने स्कैनर लगा रखा है। वहीं, बैंक वो है जिसमें मर्चेंट को ग्राहक द्वारा किए गए पेमेंट का पैसा जमा होगा। इंटरचेंज शुल्क भुगतान सेवा प्रदाताओं द्वारा वॉलेट जारीकर्ताओं जैसे कि बैंकों को दिया जाने वाला शुल्क है।
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