हमें इतिहास के बारे में स्कूल में पढ़ाया जाता है और यह पढ़ाया जाता है कि अंग्रेजों ने भारत पर 200 सालों तक राज किया। उन्होंने भारतीयों के उपर बहुत अत्याचार किए। उन्होंने भारत की धरोहरों का अपना नाम दिया साथ ही कई ऐतिहासिक धरोहरें बनाई। जो आज भी भारत का गौरव है।
इन सब में से एक धरोहर ऐसा है, जो आज भी अंग्रेजो के पास है। इंडियन रेलवे जो आज एशिया का विश्व का सबसे चौथा बड़ा रेलवे नेटवर्क है। कहा जाता है कि अंग्रेज भारत में रेलवे लेकर आए।
अभी तक अंग्रेजो के कब्जे में है ये स्टेशन
1939 में देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद सार्वजनिक रेल सेवा बनी। यह रेलवे दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है। आज भी बहुत से ऐसे रेलवे स्टेशन हैं, जो तमाम रहस्य समेटे हुए हैं।
भारत का रेलवे अपने आप कई राज छुपा कर बैठा है। आजादी को 70 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन अभी भी एक ऐसा रेलवे स्टेशन है जो ब्रिटिश कंपनी के अंतर्गत आता है और इसकी देखरेख के लिए करोड़ों रुपए देता है।
एक रेलवे स्टेशन ऐसा है, जो अंग्रेजो के कब्जे में है। इस रेलवे स्टेशन का नाम शकुंतला है। यह रेलवे ट्रैक अमरावती से मुर्तजापुर तक है। इसकी लंबाई 190 किलोमीटर है। कपास अमरावती महाराष्ट्र उगाई जाती है, जिसमें कपास की धुलाई के लिए इसी ट्रैक का प्रयोग किया जाता है।
ब्रिटेन की क्लिक निक्सन एंड कंपनी ने सेंट्रल प्रोविंस रेलवे कंपनी की स्थापना की थी। और इसका निर्माण 1930 में शुरू हो चुका था। 1916 में बनकर तैयार हुआ।
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करोड़ों रुपए का लगता है लगान
बता दें कि ये रेलवे स्टेशन आज भी अंग्रेजों के कब्जे में हैं। खबरों की मानें तो 1 साल में एक करोड़ 20 लाख रुपए की रॉयल्टी मिलती है। इतनी बड़ी रॉयल्टी देने के बाद भी किसी का ध्यान इस तरफ नहीं है और पूरी तरह जर्जर हो चुका है, 2020 में पूरी तरह से बंद कर दिया गया।
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