जयपुर। राजस्थान में श्री राजपूत करणी सेना के संस्थापक लोकेन्द्र सिंह कालवी का जयपुर के एस. एम. एस. अस्पताल में सोमवार देर रात निधन हो गया। कालवी का निधन हृदयाघात (कॉर्डियक अरेस्ट) के कारण हुआ बताया जा रहा है। उनका जून 2022 से लम्बे समय से अस्पताल में ब्रेन स्ट्रोक आने के कारण इलाज चल रहा था।
लोकेंद्र सिंह कालवी को हार्ट अटैक से पहले पिछले साल ब्रेन स्ट्रोक आया था। जून 2022 से उनका अस्पताल में इलाज चल रहा था। सोमवार रात को उनकी तबीयत बिगड़ी गई। हार्ट अटैक के बाद चिकित्सकों ने तत्काल उपचार शुरू किया। लेकिन रात 12:30 बजे इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। कालवी का अंतिम संस्कार नागौर जिले के उनके पैतृक कालवी गांव मे आज (मंगलवार) 14 मार्च को दोपहर 2:15 किया जाएगा।
जोधा अकबर से लेकर पदमावत तक, लोकेंद्र सिंह कालवी समाज की आवाज बने
लोकेंद्र सिंह कालवी राजपूत समाज की आवाज बनकर बरसों तक विभिन्न मुद्दों पर आंदोलनरत रहे। फिल्म जोधा अकबर हो या पद्मावत, राजपूत समाज के आंदोलन की अगुवाई करते रहे। विभिन्न मुद्दों पर कालवी राजपूत समाज को एकजुट करने में भी अहम भूमिका निभाते रहे। इसके लिए उन्होंने कई राज्याें के दौरे भी किए।
लोकेंद्र सिंह कालवी नागौर से लोकसभा के लिए चुनाव मैदान में उतरे और हार गए। फिर 1998 में कालवी ने बीजेपी उम्मीदवार के रूप में बाड़मेर से संसद में जाने की कोशिश की पर शिकस्त मिली। कालवी ने साल 2003 में कालवी ने कुछ राजपूत नेताओं के साथ मिलकर सामाजिक न्याय मंच बनाया और ऊंची जातियों के लिए आरक्षण की मुहिम शुरू की थी।
लोकेन्द्र के पिता चंद्रशेखर सरकार में थे मंत्री
उल्लेखनीय है कि लोकेंद्र सिंह के पिता कल्याण सिंह कालवी चंद्रशेखर सरकार में मंत्री रहे थे और वह चंद्रशेखर के भरोसेमंद साथी भी थे। इसलिए अपने पिता के असमय चले जाने के बाद लोकेन्द्र सिंह कालवी को पूर्व प्रधानमंत्री के समर्थकों ने हाथोहाथ लिया। वे अजमेर के मेयो कॉलेज में पढ़े हैं। मेयो कॉलेज तालीम के लिहाज़ से पूर्व राजपरिवारों का पसंदीदा स्थान रहा है।
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