अगरतला। ‘टिपरालैंड’ या ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ जैसी मांगों को लेकर गुरुवार को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा का बड़ा बयान आया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और टिपरा मोथा सुप्रीमो प्रद्योत किशोर देबबर्मा के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक के एक दिन बाद सीएम साहा ने कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली सरकार कभी भी ‘टिपरालैंड’ या ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ जैसी मांगों का समर्थन नहीं करेगी।
साहा ने कहा, ‘हमने आदिवासी कल्याण पर चर्चा की कि कैसे स्वदेशी लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का उत्थान किया जाए। बैठक में वार्ताकार नियुक्त करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया, लेकिन आदिवासी कल्याण पर चर्चा होगी।’ मुख्यमंत्री ने दोहराया कि आदिवासी कल्याण भाजपा-आईपीएफटी सरकार के लिए एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र होगा। साहा ने आगे साफ किया कि भाजपा-आईपीएफटी सरकार 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा पेश किए गए विजन दस्तावेज पर काम करेगी।
मुख्यमंत्री ने जताया विश्वास
2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा न केवल त्रिपुरा बल्कि पूरे पूर्वोत्तर में बेहतर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा, ‘पूर्वोत्तर में 2019 के चुनावों में पार्टी की तुलना में हमें अगले आम चुनावों में अधिक सीटें मिलेंगी।’
गौरतलब है कि ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ की मांग करने वाली क्षेत्रीय पार्टी टिपरा मोथा ने 2023 विधानसभा चुनाव लड़ा और 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा में 13 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है।
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