देवों में इनका तृतीय स्थान
हिमालय हैं जिनका निवास स्थान,
भांग धतूरा पी के,
मस्त मलंग हो के,
अपने ही धुन में खो के,
ध्यान में मग्न हो के
ऐसे हैं मेरे भोले।
शिवलिंग पर साधारण जल चढा़ने,
से भी खुश हो जावे,
दानवों की तपस्या से भी,
खुश हो जावे,
मन माँगा,
वर दे देवें,
ऐसे हैं मेरे भोले।
तीसरी आँख खुल जाए,
तो विनाश हो जाए,
शांत रूप में,
धरती भी खिलखिलाए,
ऐसे हैं मेरे भोले।
कंठ हैं इनका नीला,
गले में लटके साँप,
सर पर सजे चाँद,
शरीर पर मले विभूति,
भूतों के संग रहते वो,
ऐसे हैं मेरे भोले।
शिवरात्रि की शुभकामनाएं।।।
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