नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर दलितों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार में दलित नेताओं को केवल दिखावे के लिए मंत्री बनाया जाता है, लेकिन असली शक्ति किसी और के हाथ में होती है। उन्होंने यह बयान एक सभा को संबोधित करते हुए दिया, जहां उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधा।
राहुल गांधी ने कहा, “दलितों को सरकार में पद तो दिए जाते हैं, लेकिन उनके आसपास के प्रमुख अधिकारी और फैसले लेने वाले लोग संघ विचारधारा के होते हैं। असली ताकत उन्हीं के पास रहती है, जबकि मंत्री सिर्फ नाम के लिए होते हैं।”
आरएसएस पर भी साधा निशाना
राहुल गांधी ने सीधे तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार में दलित और पिछड़े समाज के लोगों को प्रतिनिधित्व देने का सिर्फ दिखावा किया जाता है। “मंत्री दलित बन जाता है, लेकिन उनके दफ्तर में जो OSD (Officer on Special Duty) होता है, वह संघ का आदमी होता है। फैसले वही करता है, मंत्री नहीं।”
दलितों के अधिकारों की बात उठाई
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के हक की लड़ाई लड़ती रही है। उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि “सरकार की नीतियां दलितों और पिछड़े समाज के खिलाफ काम कर रही हैं। शिक्षा, रोजगार और सरकारी योजनाओं में इन वर्गों को पर्याप्त लाभ नहीं मिल रहा है।”
भाजपा का पलटवार
राहुल गांधी के इस बयान पर भाजपा की ओर से भी प्रतिक्रिया आई। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि “कांग्रेस पार्टी केवल जातिगत राजनीति कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सबका साथ, सबका विकास के सिद्धांत पर काम कर रही है और हर वर्ग को समान अवसर दिए जा रहे हैं।”
राजनीतिक सरगर्मी तेज
राहुल गांधी के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस और भाजपा के बीच इस मुद्दे को लेकर तीखी बहस छिड़ सकती है। आने वाले चुनावों के मद्देनजर दलित वोट बैंक को लेकर दोनों दलों की रणनीति भी साफ होती जा रही है।