प्रयागराज: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रयागराज के पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाई और देशवासियों की सुख-समृद्धि, आरोग्य और कल्याण की प्रार्थना की। संगम तट पर पहुंचकर उन्होंने विधि-विधान से पूजा-अर्चना की और गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान कर दिव्य वातावरण का अनुभव किया।
संगम में डुबकी लगाने के बाद प्रधानमंत्री ने संत-महात्माओं से आशीर्वाद लिया और पूजा के दौरान वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विशेष हवन में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि संगम केवल तीन नदियों का मिलन स्थल नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक एकता का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर भी इस अनुभव को साझा करते हुए लिखा, “पवित्र संगम में स्नान का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य सरस्वती के चरणों में नमन कर देशवासियों की सुख-समृद्धि, आरोग्य और कल्याण की प्रार्थना की।”
उनकी इस आध्यात्मिक यात्रा के दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु भी संगम तट पर मौजूद रहे। स्थानीय संतों और श्रद्धालुओं ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया और उनके इस धार्मिक अनुष्ठान को ऐतिहासिक क्षण बताया।
संगम में डुबकी लगाने के बाद प्रधानमंत्री ने संगम तट पर चल रहे विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की भी समीक्षा की और वहां मौजूद लोगों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि गंगा को निर्मल और अविरल बनाए रखने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है और ‘नमामि गंगे’ योजना के माध्यम से इसे और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री की इस यात्रा को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। प्रयागराज में उनके आगमन को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखा और श्रद्धालुओं की सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा गया।
प्रधानमंत्री की इस संगम यात्रा को आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक गौरव से जोड़कर देखा जा रहा है। उन्होंने संगम स्नान के माध्यम से देश की खुशहाली और जनकल्याण की जो प्रार्थना की, वह करोड़ों भारतीयों की आस्था को बल देती है।