नई दिल्ली: कृषि कानूनों के विरोध में हुए किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी 2021 को दिल्ली में ऐतिहासिक घटना घटी। हजारों किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालकर राजधानी को घेर लिया। इस दौरान लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने की घटना भी सामने आई, जिसने देशभर में हलचल मचा दी।
चार्जशीट के बावजूद अब तक सजा क्यों नहीं?
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 3456 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें कई प्रदर्शनकारियों के नाम दर्ज थे। लेकिन अब तक किसी को सजा नहीं मिली।
घटना के मुख्य बिंदु:
26 जनवरी 2021: किसानों ने राजपथ पर ट्रैक्टर मार्च निकालने की घोषणा की थी, लेकिन मार्च के दौरान स्थिति बेकाबू हो गई।
लाल किला घटना: प्रदर्शनकारियों का एक समूह लाल किले के प्राचीर तक पहुंच गया और वहां एक धार्मिक झंडा फहरा दिया।
पुलिस और प्रदर्शनकारी भिड़े: इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी घायल हुए थे।
चार्जशीट दाखिल: दिल्ली पुलिस ने कई प्रमुख आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया और 3456 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में सौंपी।
अब तक सजा नहीं: इस केस में न्याय प्रक्रिया बेहद धीमी रही है और अब तक किसी आरोपी को सजा नहीं दी गई है।
सरकार और किसानों की प्रतिक्रियाएं:
सरकार का पक्ष: केंद्र सरकार का कहना है कि यह आंदोलन हिंसक हो गया था और इसके पीछे कुछ असामाजिक तत्व थे।
किसानों की दलील: किसान संगठनों का कहना है कि आंदोलन को बदनाम करने के लिए लाल किले की घटना को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया।
अब क्या होगा?
इस केस की सुनवाई अभी भी जारी है। किसान संगठनों का मानना है कि यह मामला राजनीतिक रूप से प्रेरित है और सरकार इसे चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है।