आगरा का ताजमहल एक बार फिर ऐतिहासिक आयोजन का गवाह बनने जा रहा है। यहां शाहजहां के उर्स के मौके पर 26 से 28 जनवरी तक तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में खास आकर्षण होगा 1500 फीट से ज्यादा लंबी चादर, जो शाहजहां और मुमताज की मजार पर चढ़ाई जाएगी।
क्या है उर्स का महत्व?
शाहजहां का उर्स हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह आयोजन शाहजहां और मुमताज महल की याद में किया जाता है, जो ताजमहल में दफन हैं। इस मौके पर देशभर से हजारों श्रद्धालु और पर्यटक आगरा पहुंचते हैं।
आयोजन की खास बातें:
लंबी चादर: इस साल उर्स के दौरान 1500 फीट से ज्यादा लंबी चादर चढ़ाई जाएगी। यह चादर एकता और श्रद्धा का प्रतीक है।
फ्री एंट्री: उर्स के तीनों दिन ताजमहल में प्रवेश मुफ्त होगा।
मजार पर खास सजावट: शाहजहां और मुमताज की मजार को फूलों और रोशनी से सजाया जाएगा।
कव्वाली और सूफी संगीत: उर्स के दौरान सूफी गायकों द्वारा कव्वाली का आयोजन भी किया जाएगा।
ताजमहल पर उमड़ेगी भीड़
उर्स के दौरान ताजमहल पर बड़ी संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु आने की उम्मीद है। आगरा प्रशासन ने भीड़ को संभालने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। साथ ही, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
उर्स का इतिहास
शाहजहां के उर्स का इतिहास मुगलकाल से जुड़ा हुआ है। यह आयोजन उनकी याद में होता है, जिन्होंने अपनी पत्नी मुमताज महल के लिए ताजमहल का निर्माण करवाया। उर्स के दौरान मजार के पास विशेष प्रार्थनाएं की जाती हैं।