भारत की सनातन परंपरा में साधु-संतों का सम्मान सर्वोपरि है, लेकिन हाल ही में एक नाम ने इस परंपरा को लेकर गहरी बहस छेड़ दी है—’IIT बाबा’ अभय। जहां लाखों लोग उन्हें आध्यात्मिक गुरु मानते हैं, वहीं जूना अखाड़ा ने उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाकर विवाद खड़ा कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, ‘IIT बाबा’ का असली नाम अभय है और वे कभी देश के प्रतिष्ठित संस्थान IIT खड़गपुर के छात्र रहे हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद साधु का रूप धारण कर लिया। सोशल मीडिया पर अपनी तेज़तर्रार शैली और अनोखे दृष्टिकोण के चलते वे युवा पीढ़ी में लोकप्रिय हो गए। लेकिन जूना अखाड़ा का आरोप है कि अभय ने साधु बनने की परंपराओं का पालन नहीं किया और अपने स्वार्थ के लिए इस रूप का सहारा लिया।
जूना अखाड़ा के एक वरिष्ठ संत ने कहा, “साधु बनने के लिए अखाड़ों की अनुमति और प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य है। अभय ने इस परंपरा का सम्मान नहीं किया। वे धर्म के नाम पर अपना स्वार्थ साध रहे हैं।”
हालांकि, अभय के अनुयायियों का कहना है कि ‘IIT बाबा’ ने अपनी शिक्षा और अनुभव का इस्तेमाल समाज को नई दिशा देने के लिए किया है। उनका तर्क है कि अगर अभय किसी को प्रेरित कर रहे हैं, तो इससे परंपराओं का उल्लंघन कैसे हो सकता है?
इस विवाद ने आध्यात्मिकता और परंपरा के बीच टकराव को उजागर कर दिया है। क्या ‘IIT बाबा’ सच में धर्म और समाज की सेवा कर रहे हैं, या उनके इरादे पर संदेह करना सही है? जूना अखाड़ा की नाराज़गी और आरोपों के बाद अब यह मामला और गहराता जा रहा है।
सच क्या है, यह अभी रहस्य बना हुआ है। लेकिन एक बात साफ है—’IIT बाबा’ की कहानी ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। अब देखना यह है कि यह मामला धर्म और आध्यात्मिकता के नए अध्याय की शुरुआत करेगा या एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश।