साल 2011 में भारत को एक ऐसा तेज गेंदबाज मिला था, जिसकी तुलना डेल स्टेन और ब्रेट ली से की गई थी. भारत के पास हमेशा तेज गेंदबाजों की कमी रही है. ऐसे में जब टीम में वरूण आरोन जैसा तेज गेंदबाज आया तो भारतीय टीम मैनेजमेंट बहुत ही प्रसन्न हुआ, लेकिन सिर्फ चार साल के बाद ही एक ऐसी घटना घटी कि वरूण आरोन को टीम से हमेशा के लिए बाहर कर दिया गया.
क्या है वरूण आरोन की कहानी
वरूण आरोन का पूरा नाम वरुण रेमंड एरोन है. वह झारखंड के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते हैं. 2011 विश्व कप के बाद नए गेंदबाजों के रूप में उमेश यादव और वरूण आरोन का नाम था. वरूण आरोन ने अपने पेस के दम पर टीम में जगह बना लिया था. वरूण आरोन को महेंद्र सिंह धोनी के कैरियर में डेब्यू करने का मौका मिला.
शुरू में वरूण काफी महंगे साबित हुए थे जिसके वजह से उनको कम मौका दिया जाता था. कुछ मैचों में उन्होंने अपनी शानदार प्रदर्शन से टीम को मैच भी जीताया. लेकिन टीम में जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शामी के आ जाने से वरूण आरोन की जगह कट गई. वरूण आरोन ने अपना अंतिम मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2015 में खेला था.
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कैसा रहा वरूण आरोन का कैरियर
33 साल के वरुण आरोन ने टीम इंडिया (Team India) के लिए 9 टेस्ट मैचों में 18 विकेट्स चटकाए हैं. वहीं 9 वनडे मैचों में 11 विकेट्स हासिल किए हैं. लेकिन इस खिलाड़ी के करियर का ग्राफ एक दम से नीचे जाने लगा. वरूण आरोन आईपीएल में इस वक्त गुजरात जायंटस का हिस्सा हैं.
पिछले सीजन में उन्होंने 2 मैच खेले और 10.40 की इकोनॉमी से सिर्फ 2 विकेट ही हासिल किए. वरुण एरॉन ने आईपीएल में 52 मैच खेले हैं और 8.94 की इकॉनमी से 44 विकेट लिए हैं. वरूण आरोन पिछले सात साल से भारतीय टीम में मौके का इंतजार कर रहे हैं.
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