कहते हैं कि ज़िन्दगी प्याज के छिलके की तरह होती है, जितना छिलोगे उतनी परत निकलेगी। और हर परत के साथ निकलेगी एक कहानी, जिससे कहीं ना कहीं ज़िन्दगी प्रभावित होती है। बॉलीवुड के चमकते सितारों के जीवन को भी अगर गौर से देखोगे तो आपको प्याज़ की ऐसी ही छिली हुई परतों में दबी हुई कहानी मिलेगी। आज हम बॉलीवुड के बड़े निर्माता निर्देशक में शुमार महेश भट्ट के जीवन के बारे में एक ऐसा ही किस्सा सुनाएंगे जो शायद आज से पहले आपने कहीं नहीं सुना होगा। आपमें से बहुत कम लोग यह जानते होंगे कि महेश भट्ट और उनके माता पिता ने शादी नहीं की थी। चलिए तो महेश भट्ट के जीवन से जुड़ा सबसे बड़ा राज़ उजागर करते हैं।
कहते हैं प्यार की मंजिल विवाह है, मगर कुछ जोड़े ऐसे भी होते हैं जिनके सामने विकट परिस्थितियां जन्म ले लेती हैं और वे अपने गंतव्य अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पाते हैं। उन बदकिस्मत जोड़ो में एक नाम महेश भट्ट के पिता नाना भाई भट्ट और माँ शिरीन मोहम्मद अली का था। महेश भट्ट के पिता नाना भाई भट्ट गुजरात के पोरबंदर में रहा करते थे, वे जाती से ब्राह्मण थे। अपनी आजीविका वे पौराणिक और काल्पनिक फिल्मों को प्रड्यूस करके चलाते थे।
1940 के दशक में नाना भाई भट्ट का एक बड़ा नाम था, उन्होंने इस दशक में 100 स्टंट और धार्मिक फिल्मों को प्रड्यूस कर एक नया कीर्तिमान बनाया था। नाना भाई भट्ट की पहली शादी हेमलता नाम की महिला से हुई, इनसे नाना भाई भट्ट को पुत्र रॉबिन भट्ट प्राप्त हुए। रॉबिन फिल्मों में लेखन का काम करते हैं। वहीं नाना भाई भट्ट और हेमलता की शादी में दरारें आने लगी, यह दरारें उस वक्त लोगों को भी दिखने लगी जब नाना भाई का संबंध एक्ट्रेस शिरीन मोहम्मद अली से बनने लगा।
शिरीन मोहम्मद और नाना भाई भट्ट ने एक दूसरे से शादी किये बिना ही साथ रहने का फैसला ले लिया। आगे चल कर शिरीन ने दो बेटों महेश भट्ट और मुकेश भट्ट, चूंकि नाना भाई की पहली पत्नी इस रिश्ते को ले कर खुश नहीं थी। लिहाजा नाना भाई को दो घर का पालन पोषण करना पड़ा। शिरीन मोहम्मद अली और नानाभाई भट्ट एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे मगर बावजूद इसके उन्होंने कभी एक दूसरे से शादी नहीं की। चूंकि उन्होंने एक दूसरे से शादी नहीं की लिहाजा उन्हें नाज़ायज़ होने कर ताने सुनने पड़ते।
हालांकि इन सब तानो को परे कर दोनों भाइयों ने फिल्मी जगत में अपनी-अपनी उपलब्धियों को हासिल किया। मगर लोगों द्वारा नाजायज कहने की टीस को महेश भट्ट कभी अपने दिल से निकाल नहीं पाए। वो इन सब के लिए अपने पिता को ही दोषी मानते थे, और यही वजह है कि महेश भट्ट अपने पिता के साथ वो सम्बन्ध नहीं बना पाए जो अनुमन होता है। अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने इस दर्द को खुल कर बयान करते हुए कहा था कि मेरे पास पिता के सरनेम के अलावा उनसे जुड़ी कोई यादें नहीं है।महेश भट्ट ने उस साक्षात्कार में अपनी बात रखते हुए कहा था कि “मेरे पास पिता से जुड़ी कोई याद नहीं। इसलिए नहीं मुझे पता ही नहीं कि पिता की भूमिका क्या होनी चाहिए। मैं एक सिंगल मुस्लिम महिला शिरीन मोहम्मद अली का नाजायज बेटा हूं। मेरे पिता भी मेरे लिए अजनबी थे। वे मेरे लिए होकर भी नहीं थे। बस उनका सरनेम मुझे मिला, जिसकी वजह से आज मैं महेश भट्ट हूं।”
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