गोरखपुर की इस लड़की ने मॉडलिंग की दुनिया अच्छा नाम बनाया, और मिस गोरखपुर का खिताब अपने नाम किया। हालांकि अब वह चाय बेच रही है। कभी मिस गोरखपुर रही इस लड़की का वीडियो यूट्यूब पर खूब शेयर किया जा रहा है। वहीं, कई वीडियो ऐसे भी हैं, जिसमें ‘मॉडल चायवाली’ के स्टॉल पर चाय पीने वालों की काफी भीड़ भी देखी जा रही है। हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि कभी मिस गोरखपुर रही सिमरन आज ‘मॉडल चायवाली’ बनकर भी खुश हैं। उन्हें इससे कोई शिकायत भी नहीं है। वे कहती हैं “जब लड़की दुनिया में हर काम कर सकती है तो चाय क्यों नहीं बेच सकती।” वहीं, सिमरन की इस हिम्मत का सोशल मीडिया पर लोग खूब प्रशंसा भी कर रहे हैं। कोरोना की वजह से मॉडलिंग पर पड़ा असर ‘मॉडल चायवाली’ सिमरन ने बताया कि कोरोना की वजह से उनकी मॉडलिंग पर असर पड़ा। उन्होंने बताया कि साल 2018 में मिस गोरखपुर बनी थीं। इसके बाद उनका मॉडलिंग का काम काफी सही चल रहा था, लेकिन कोरोना के कारण उनकी मॉडलिंग की करियर पर बुरा असर पड़ा। सिमरन का एक भाई है, जो दिव्यांग है। उन्होंने कहा कि परिवार की आमदनी सीमित थी, परिवार को सपोर्ट करना था इसलिए वे ‘मॉडल चायवाली’ के नाम से स्टॉल लगाकर चाय बेच रही हैं। वे इस पेशे से वैसे ही खुश हैं, जैसे वे मॉडलिंग में खुश थीं। स्टॉल के नाम में मॉडलिंग पर सिमरन ने बताया कि उनके दुकान के नाम में उनका प्रोफेशन भी जुड़ा है, इसलिए उन्होंने इसका नाम ‘मॉडल चायवाली’ रखा।ग्रेजुएट चायवाली से सिमरन हुई प्रभावितसिमरन ने कहा कि वे ग्रेजुएट चायवाली पटना की प्रियंका गुप्ता और एमबीए चायवाला प्रफुल्ल बिलोरे से प्रभावित हुई थीं। सिमरन कहती है कि सोचा जब उन्होंने कर लिया तो भला मैं क्यों नहीं कर सकती हूं? एक इंटरव्यू में सिमरन ने पटना की ग्रेजुएट चायवाली यानी प्रियंका गुप्ता से मिलने की इच्छा भी जताई है। सिमरन के पिता बोले- कोई भी काम छोटा नहीं होता वहीं, सिमरन के पिता कहना हैं की ‘मेरे हिसाब से कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है।’ वे कहते हैं कि उनकी बेटी मिस गोरखपुर बनी थी तब भी उन्हें खुशी थी और अब जब चाय बेच रही है, तब भी वे खुश हैं। सिमरन को सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त सपोर्ट मिल रहा है। लोग उनके इस साहस की तारीफ कर रहे हैं।