16 कलाओं में पारंगत भगवन योगीराज श्री कृष्ण और राधा के प्रेम प्रसंग के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा। लेकिन भगवान कृष्ण की कहानी शायद ही आपने सुनी होगी जो हम आपको बताने जा रहे हैं। कहानी श्रीकृष्ण और राधा के गुप्त विवाह की है। भगवान कृष्ण और राधा का गुप्त विवाह किसने करवाया था? समारोह में किसने भाग लिया और किसने कन्यादान किया? आज हम आपको हर राज से रूबरू कराएंगे।जानें राधा-कृष्ण का गुप्त विवाह कहां हुआ था ?मथुरा से करीब 40 किलोमीटर दूर तहसील मांट क्षेत्र स्थित भांडीर वन है. यह वही जगह है जहां भगवान कृष्ण और राधा की शादी हुई थी। जब आप स्थानीय लोगो के साथ भगवान कृष्ण और राधा के विवाह स्थल पर पहुँचे, तो राधा कृष्ण के गुप्त विवाह के सबूत मौजूद थे। उन्हें देखकर सभी दंग रह गए। भांडीर वन मंदिर के पुजारी पंडित योगेंद्र दीक्षित ने भगवान श्रीकृष्ण और राधा के विवाह के बारे में बताते हुए कहा कि जब राधा और कृष्ण बाल्यावस्था में थे तब उनका विवाह संपन्न हुआ था। भगवान कृष्ण और राधा के विवाह को देखने के लिए हजारों देवता आए थे।राधा-कृष्ण का गुप्त विवाह में किसने किया था कन्यादान ?भांडीरवन मंदिर के पुजारी का कहना है कि जब राधा और कृष्ण का विवाह हुआ था, तब बहुत कम संख्या में लोग उपस्थित थे। नारद जी ने राधा रानी का कन्यादान किया। नारद के लिए वह पल बहुत खास था क्योंकि वह राधा रानी का कन्यादान कर रहे थे।राधा-कृष्ण के गुप्त विवाह के मन्त्र किसने पढ़े ?भांडीरवन मंदिर के पुजारी पंडित योगेंद्र ने जानकारी दी और कहा कि जिस दिन राधा और कृष्ण का विवाह हुआ था, उस दिन बादल छाए हुए थे। ब्रह्मा जी ने पंडित बनकर राधा और कृष्ण का विवाह करवाया था। विवाह के मंत्रों को ब्रह्मा ने पढ़ा। आप इसके बारे में श्री गर्ग संहिता में पढ़ सकते हैं।राधा से छोटे थे कृष्णपुजारी योगेंद्र दीक्षित ने आगे की कहानी बताते हुए कहा कि जब राधा और कृष्ण का विवाह हुआ था, तब भगवान कृष्ण राधा से छोटे थे, और भगवान श्री कृष्ण जब राधा रानी की मांग में सिंदूर भर रहे थे तब वे अपने पैरों के पंजो पर खड़े थे। मंदिर में भी आप ये देख सकते है की भगवन श्री कृष्ण ने पैरो के बल ऊँचे होकर राधा रानी की मांग भरी थी.मुरली नहीं सिंदूर है योगीराज के हाथ मेंयोगीराज भगवान श्रीकृष्ण और राधा के विवाह के टाइम राधा कृष्ण सहित नारद मुनि और ब्रह्मा मौजूद थे. इस मंदिर की विशेष बात यह है कि यहां भगवान श्रीकृष्ण के हाथ में बंसी के जगह पर सिंदूर लगा हुआ है और वह राधा की मांग भरते नज़र आ रहे हैं.आज भी मौजूद है मंडपश्री दीक्षित ने यह भी उल्लेख किया कि जिस मंडप में भगवान कृष्ण और राधा के फेरे हुए थे, वह भी बहुत खास था। वो मंडप आज भी मौजूद है और बरगद के पेड़ों से बना है। जहाँ एक तरफ राधा और दूसरी तरफ भगवान कृष्ण दिखाई दे रहे हैं।अमावस को कुएं से निकलती है दूध की धारपुजारी जी ने बताया कि यहां एक कुआं है जो कृष्ण के समय से मौजूद है। इस कुएं का पानी बहुत ठंडा है। पुजारी का कहना है कि हर अमावस्या को इस कुएं से दूध की एक धारा निकलती है। अब दुनिया भर से श्रद्धालु इस पवित्र स्थान के दर्शन करने आ रहे हैं।गुप्त विवाह के सबूत है मौजूदइस मंदिर में आने वाले भक्तों का कहना है कि, यहां आने से पहले उन्होंने कभी नहीं माना कि भगवान कृष्ण और राधा का विवाह हुआ था। लेकिन, यहां मौजूद सबूतों को देखने के बाद अब वे इसे सच मान रहे हैं. उन्हें देखकर वो कहते हैं कि हमें अब यकीं हो गया की भगवान कृष्ण ने राधा से गुप्त विवाह किया था।नोट: यह कहानी इंटरनेट पर मिली जानकारियों पर आधारित है. धरातलटीवी इन दावों की पुष्टि नहीं करता है.