यह वह समय था जब मल्लिका मुमताज की तबीयत बहुत खराब चल रही थी, तो वहीं दूसरी और मुगल बादशाह शाहजहां अपनी सबसे बड़ी बेटी जहांआरा के साथ शतरंज की बाजी खेल रहे थे। तभी अचानक मुमताज महल के कमरे से आवाज आनी शुरू हुई एक सैनिक वहां से दौड़ता हुआ मुगल बादशाह के पास आया। सैनिक को इतना परेशान देखकर कमरे में माहौल बहुत गंभीर हो गया। मलाइका मुमताज की तबीयत खराब होने की सूचना देने के बाद, जहांआरा मां मुमताजके महल जाने के लिए दौड़ती है। प्रसव के दौरान हुई थी मुमताज की मौतबेटी जहांआरा अपनी मां मुमताज महल के कमरे में दाखिल हुई। जहाँआरा ने देखा कि उसकी माँ को प्रसव पीड़ा हो रही है, तो वह बहुत चिंतित हो गई। उन्होंने देखा कि मां का श्रम असहनीय होता जा रहा था और उनके पेट से बच्चा नहीं निकल रहा था। यह सब देखकर जहांआरा घबरा गई।फिर वह पिता के पास गई और उन्हें बताया कि मां की पत्नी को बहुत तेज प्रसव पीड़ा हो रही है।मुमताज महल के बीमार होने की बात सुनकर शाहजहाँ बहुत परेशान हुआ और उसने अपने करीबी हाकिम अलीम वाजिद खान को इस बारे में बताया। मुमताज़ शेम से मिलने के बाद, उन्होंने महसूस किया कि उनका दर्द अपने आप गायब नहीं होने वाला था।कुछ समय बीत गया और मुमताज महल की जन्म देते समय मृत्यु हो गई। मुमताज की मृत्यु के बाद शाहजहाँ बहुत टूट गया और वह अपने दुःख में बहुत ही गमगीन हो गया। उसके बाद बाद में जहाँआरा ने न केवल सारी राजनीति की बल्कि शाहजहाँ की भी देखभाल की। इस समय, जहाँआरा राजनीतिक परिदृश्य में एकमात्र व्यक्ति था जो सब कुछ सफलतापूर्वक संभाल रहा था।समय के साथ, जहाँआरा की राजनीतिक शक्ति बढ़ती गई, लेकिन इससे उसके पिता, शाहजहाँ और उसकी बेटी जहाँआरा के बीच दरार पैदा हो गई। इस दौरान सियासत को लेकर लगातार चल रहे विवाद में पिता को बिखरता देख जहांआरा ने कभी भी अपने पिता शाहजहां का साथ नहीं छोड़ा।यह सब महज अफवाह थी या सचउस दौरान कई लोग शाहजहाँ और जहाँआरा के बारे में बात कर रहे थे। कई लोगों ने कहा कि शाहजहां और जहांआरा के बीच अवैध संबंध थे। यह शाहजहाँ के इतिहास के बारे में कई पुस्तकों में सुझाया गया है। एक तरफ जहांआरा ने इस मामले में कभी कोई सफाई नहीं दी और न ही शाहजहां ने कभी कुछ कहा.वहीं, जो लोग इस मुद्दे पर अभी बोल रहे हैं, वे वही दोहरा रहे हैं जो दूसरों ने कहा है।आखिर क्यों नहीं की थी जहांआरा ने शादी महल में कई ऐसी चीजें होने लगीं जिससे जहांआरा का विवाह नहीं हो पाया। कोई कह सकता है कि जिस लड़की के नाम से पिता राजनीति कर रहा है, क्या यह लड़की राजनीति छोड़ देगी, तो कोई कहता है कि जहाँआरा ने शादी इसलिए नहीं की क्योंकि “जहाँआरा को अपनी मर्जी से और बराबरी का कोई लड़का नहीं मिला।दोनों बातों का सच क्या है, यह बात इतिहास के साथ ही दफ़न हो गई।कई किताबों में शाहजहाँ और जहाँआरा के बारे में यही कहा गया है। कहीं उनके लिए सकारात्मक तर्क है तो कहीं नहीं। जानकारी सही है या गलत यह डार पर निर्भर है, लेकिन यह भी सच है कि शाहजहाँ और जहाँआरा के रिश्ते को लेकर हमेशा कुछ न कुछ संदेह रहा है। लोग अक्सर आरा और शाहजहां के रिश्ते की बात करते थे तो कभी एक दूसरे को ताना मारते थे।