कुछ ना पूछ हिमांक के क्या हुआ है
किस फ़िराक़ में मेरा दिल रोया है
मेरी मासूमियत पर हंसा है ज़माना
मुकम्मल प्यार की ख्वाबों में नैन खोया है
उसने जाते-जाते अलविदा ना कहा हो लेकिन
मेरी चाहत अब उनसे रक़ीबे-ग़मजदा हुआ है
वो आकर कुरेद भी जाएं जख़्मे ज़िगर तो फिक्र नहीं
मेरा दिल अब तो बेदार हुआ है
अब तो गम मेरे कम होंगे मैकदों में जाकर
शरीफ़ हिमांक अब तो शराबी हुआ है.
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