अब और क्या उनकी उफ़!
तलब को बयां दिल ये करे|
फ़कत यही कि लबों पे उनका नाम है,
और निगाहों में हंसी उनका हुशन-ऐ-जाम है ||
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अब और क्या उनकी उफ़!
तलब को बयां दिल ये करे|
फ़कत यही कि लबों पे उनका नाम है,
और निगाहों में हंसी उनका हुशन-ऐ-जाम है ||