आ जाता है चुनाव जब,
गर्म हो जाती है माहौल तब.
गर पूछो लोगों से,
किसी जीताओगे वोटों से.
खुद पूछ बैठते आप वो मुझसे,
किसी दोगे तुम साथ,
कमल, सायकिल, हाथी या हाथ.
मैं भला आप क्या कहूँ,
मैं किसके साथ में हूँ.
करेगा जो देश का विकास,
जगे जिसे देख कर आश.
दूँगा फिर उसी का साथ,
चाहे कैसी भी हो बात.
होना हो कुछ भी लेकिन,
बिकना तुम कभी ना भाई.
बिक जो गये गर तुम,
तो कैसे होगी बुराई की सफाई.
नेता खुद तुम पर तंज़ कसेंगे,
देश का विकास वो फिर कैसे करेंगे.
सोच समझ कर वोट तुम करना,
टूट जायेगी विकास की आश वरना.
नेता लालच देंगे, जाती धर्म की बातें करेंगे,
अभी से डाल रहे वो फूट, फिर विकास कब करेंगे.
देकर चोट वोट की जिताना लोगों उन्हीं को,
जो धोखा ना दे कभी हम सभी को.
अगर जनता सही इंसाफ करेगी…….सही व ईमानदार नेता चुनेगी……तो देश खुद-ब-खुद विकास करेगी ।।
~जय हिन्द