साउथ की सुपर डुपर हिट फिल्म ‘ओके कनमनी’ की हिंदी रीमेक की जिम्मेदारी मणि रत्नम ने डायरेक्टर शाद अली के हाथ में सौंपी और ‘आशिकी 2’ के लीड पेयर आदित्य रॉय कपूर और श्रद्धा कपूर के साथ शाद ने ये फिल्म बनाई. शाद अली ने जहां एक समय पर मणि रत्नम को ‘दिल से’, ‘गुरु’ और ‘रावण’ जैसी फिल्मों में असिस्ट किया था तो वहीं ‘साथिया’ और ‘झूम बराबर झूम’ जैसी फिल्में डायरेक्ट भी की हैं.
‘ओके जानू’ में लेखक मणिरत्नम ने दर्शाने की कोशिश की है कि कोई भी रिश्ता हो उसमें प्यार जरूरी है। शारीरिक आकर्षण भी ज्यादा देर तक बांध कर नहीं रख सकता। फिल्म में दो जोड़ियां हैं। आदि (आदित्य रॉय कपूर) और तारा (श्रद्धा कपूर) युवा हैं, शादी को मूर्खता समझते हैं। दूसरी जोड़ी गोपी (नसीरुद्दीन शाह) और उनकी पत्नी चारू (लीला सैमसन) की है। दोनों वृद्ध हैं। शादी को लगभग पचास बरस होने आए। शादी के इतने वर्षबाद भी दोनों का नि:स्वार्थ प्रेम देखते ही बनता है।
फ़िल्मी ताना बाना:
यह कहानी आदि (आदित्य रॉय कपूर) और तारा(श्रद्धा कपूर) की है जो मुंबई के रेलवे स्टेशन पर मिलते हैं आदि को गेमिंग का शौक़ है जिसके सॉफ्टवेयर को डेवलप करने के लिए वो अमेरिका जाना चाहता है और वहीं तारा एक आर्किटेक्ट है जिसका सपना है कि वो पेरिस जाए. दोनों रहना तो साथ चाहते हैं लेकिन शादी नाम का कोई भी शब्द इनकी डिक्शनरी में नहीं है. तारा अपने हॉंस्टल से आदि के किराये वाले घर में शिफ्ट हो जाती है जिसके मकान मालिक गोपी श्रीवास्तव (नसीरूद्दीन शाह) हैं और वो अपनी वाइफ के साथ उसी घर में रहते हैं. कहानी में मोड़ तब आता है जब आदि को अमेरिका जाने का मौका मिलता है लेकिन तब तक ये दोनों एक दूसरे को बिना बताये बेइंतहा प्यार करने लगते हैं. अब क्या ये दोनों मिल पाएंगे या कहानी में कुछ अलग मोड़ आता है? ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.
फिल्म की कहानी में ज्यादा उतार-चढ़ाव या घुमाव-फिराव नहीं है। बहुत छोटी कहानी है। कहानी में आगे क्या होने वाला है यह भी अंदाजा लगना मुश्किल नहीं है। इसके बावजूद फिल्म बांध कर रखती है इसके प्रस्तुति के कारण। निर्देशक शाद अली ने आदि और तारा के रोमांस को ताजगी के साथ प्रस्तुत किया है। इस रोमांस के बूते पर ही वे फिल्म को शानदार तरीके से इंटरवल तक खींच लाए। आदि और तारा के रोमांस के लिए उन्होंने बेहतरीन सीन रचे हैं।
आदित्य रॉय कपूर और श्रद्धा कपूर की जोड़ी अच्छी लगती है। एक बेफिक्र रहने वाले युवा की भूमिका आदित्य ने अच्छे से निभाई है। श्रद्धा कपूर को निर्देशक ने कुछ कठिन दृश्य दिए हैं और इनमें वे अपने अभिनय से प्रभावित करती हैं। बुजुर्ग दंपत्ति के रूप में नसीरुद्दीन शाह और लीला सैमसन अच्छे लगे हैं।
निर्देशक : शाद अली
संगीत : एआर रहमान
कलाकार : श्रद्धा कपूर, आदित्य रॉय कपूर, नसीरुद्दीन शाह, लीला सैमसन