बंगलूरू में हुए छेड़छाड़ से आप सभी परिचित होगें। जो 31 दिसंबर की रात नए साल की पार्टी में छेड़छाड़ हुई वो किस हद तक सही हैं?
वो सब नए साल की पार्टी के लिए गए थे। उन लड़कियों ने तो सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके साथ ऐसा होगा। हम सब सोचते हैं कि नया साल हम सब के लिए अच्छा हो, कुछ बुरा तो हम सपने में भी नहीं सोच सकते।
इस खबर के बाद कई लोग लड़कियों के कपड़ों के बारे में कहेंगे कि उन्होंने छोटे कपड़े पहने थे। जैसा की कह भी चुके हैं कई माननीय नेतागण जी। ये सब कहाँ तक सही हैं ? क्या जो छोटी लड़कियाँ होती हैं उनके साथ भी उनके छोटे कपड़े पहनने के कारण उनके साथ गलत होता हैं ? मुझे तो ऐसा बिल्कुल नहीं लगता।
दूसरों पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबान में झाँक कर देखना चाहिए। जब तक दूसरों के साथ होता हैं तब तक सब ठीक हैं और जब अपनी बारी आती हैं तो बहुत गलत हैं।
हमारे इस देश में दोगले किस्म के लोग रहते है। बाहर से कुछ और अंदर से कुछ और। अपनी बहू, बहन, बेटियाँ अपनी..और दूसरों की पराया माल। कैसी घटिया सोच होती हैं लोगों की। क्या ये वही देश है ? जो दूसरी दुनिया के लिए आदर्श और मिशाल हैं। ये वहीं देश हैं जहाँ पर रानी कर्मवती ने बादशाह हुँमायू को अपनी रक्षा के लिए राखी भेजी थी ? और बादशाह ने मुस्लिम होते हुए भी राखी की लाज के लिए रानी की मदद के लिए गए।
तो वो पुरुष, बेटा , भाई ये क्यों नहीं सोचते की उनकी बहन और बेटियों के तरह भी बाकी की लड़कियाँ हैं। अगर सब ऐसा मान ले तो कभी किसी लड़की के साथ कुछ गलत नहीं हो सकता, और अगर हो रहा होगा तो कोई आदमी तो आगे आएगा उस लड़की की मदद के लिए।
ये मैं पूरे यकीन के साथ कह सकती हूँ। सोचिएगा जरूर! और हाँ , सिर्फ पढ़ना नहीं अमल भी करना !!!