आज देश में फैला है “दंगल”
नेता देश के बने हुए हैं “सुल्तान”
नोट ऐसे गायब हो रहे मानो,
हो जैसे ‘जादू’ “कोई मिल गया” का
PayTm, freecharge, इत्यादि बोले “मैं हूँ ना”
बिना रूपये के दुकानदार बोले “हम आपके हैं कौन”
हो रही मुसीबत खड़े लाइन में,
जैसे झेला हमने साजिद की “हिम्मतवाला” देखकर
अब तो लग रहा बस यही,
खुद की ‘लगान’ वसूल रहे हम यहीं खड़े-खड़े,
कोई भाषणों में बोले हमसे कि “चक दे इंडिया”
हम कैसे उन्हें बतायें जरा देख लो “मदर इंडिया”
हो गयी है हालत “बाजीराव मस्तानी” के ‘बाजीराव’ जैसी
खुद निपटना पर रहा है हर मुश्किल हालातों से
अब और ना सही जा रही रूपये “तुम-बिन”
कर कोई है कहता “हम तुम्हारे हैं सनम”
कर दी है हर काम हवाले तेरे लोगों ने
सब ले रहे ‘रुपये’ “तेरे-नाम”
कोई आए और बचाये इस मुश्किल हालातों से
जैसे “कृष” ने बचाया अपने पापा ‘रोहन’ को
भ्रष्टाचारी बने हुए हैं “शोले” के ‘गब्बर’
अब बचाने कहां से आये मेरे देश के “सिंघम”
हर दुकानों पर लगी है “वॉन्टेड” मनी के पोस्टर
रो रहे हैं जनता पटक-पटक कर सर
कम परने लगे पॉकेट में “गांधीजी”
कल फिर से लाइन में लगने के लिए रहो “रेडी”.