मंगलवार को करीना कपूर & सैफ अली खान के बेटे का जन्म हुआ जिसके बाद से लोगो में उसके नाम को लेकर कौतूहल बना हुआ था।
अगर बात करें हिंदुस्तान की तो हिंदुस्तान ने कई सदियों को बड़ी गंभीरता से देखा है, बिना रुके, बिना झुके इसने कई परिवर्तन देखे हैं और आज का जो अपरिवेश है वो वाकई इसके सदियों के संघर्ष को दर्शाता है, जिसमे परिवर्तन से लेकर पश्चिमी सभ्यता के परिभव और उसके भारत में उदगमन की परिभाषा को विस्तार पूर्वक दर्शाता है। भारत आज भी कई जख्मो को लिए आगे बढ़ रहा है जिसमे भारतीय व्यवस्था को कई नाज़ुक मोड़ भी दिए हैं और साथ ही इसका अविचलता को प्रभावित करने में कहीं न कहीं उन धार्मिक अमानवता विरोधी परिदृश्यों को एक विचारात्मक मोड़ दिया है जिसमे आज की सोच की अस्थिरता को आसानी से परख जा सकता है।
मंगलवार को हिन्दू धर्म और मुस्लिम धर्म के मिलन को एक नई दिशा देने वाले भारतीय सिनेमा से भारतीयता के समनवय को दर्षाने वाले उन व्यक्तियों से उपजित एक शिशु की बात करें जिसपे भारतीय कलाप्रेमियों की निंगाह रही और उसके नाम को लेकर कौतूहल तब बढ़ा जब उन तथाकथित सितारों की सोच को दर्शाने वाला वक्तव्य एक नाम पर सामने आया। उनकी सोच और उनकी भारतीयता के प्रति अमानवीयता जगजागिर हुई जब भारत को कई बार छिन्न भिन्न करने वाले भारत इतिहास के उस कुनाम को उन्होंने एक तरजीह दी जिसने भारतियों के साथ साथ उनकी संस्कृति को विध्वंश करने में एक नया रिकॉर्ड बनाया था जिसे आज भी भारत के अभूत प्रेमी अपने अपशब्दों के प्रयोग के लिए एक सही व्यक्ति समझते हैं उसका नाम है “तैमूर”
करीना कपूर और सैफ अली खान से जन्मे शिशु का नाम इस दंपत्ति ने “तैमूर” रख के उन्होंने अपने अंदर के उस दुःसाहसिक सोच को हमारे सामने पेश किया है जिससे उनकी भारतियों के प्रति असहनशीलता और उनकी तुच्छ सोच को एक मानवीय रूप दिया है जिससे सभी भारतियों को उनके तथाकथित सितारों के रूप में उनकी छवि को सच में और धूमिल किया है और उनकी भारत के प्रति अपनी लापरवाही को दर्शाने में एक नया आयाम दिया है।
भारतीय धार्मिक ग्रन्थ गीता में भी उद्घोषित किया गया है की मानवीय सभ्यता को नाश करने में वर्णशंकर अर्थात दोगले औलादों का सहयोग होगा।