पैसों की कमी और ऊपर से भ्रष्टाचार,
देश को कर रहा है बीमार ।
आम आदमी की लाचारी को समझो साहब,
किधर जायें और क्या करें अब।
आज कहीं बिजली नहीं मिल रही ना ही कहीं पानी
हर ओर चल रही भ्रष्टाचारियों की मनमानी ।
आम आदमी के पॉकेट से हैं पैसे गायब,
पकड़े जा रहे धांधली करते अफसर और साहब ।
कहीं मिल रहे पैसे घरों व गाड़ी से,
कौन बचाये देश को पैसों की मंदी और भ्रष्टाचारी से ।
नेता झूठी राग अलाप रहे,
एक दूसरे को दोषी ठहरा रहे ।
गरीबों को नहीं मिल रही कोई योजना,
नेताओं से मिलो तो कहलवाए अंदर ना भेजना ।
चुनाव आते ही चले आते हैं हाथ जोड़कर,
बोले लोगों से हैं हम जनता के नौकर ।
नेताओं अब तो शर्म करो,
अपनी मनमानी बन्द करो ।
आम आदमी है बेहाल, माँगे सरकार से जवाब,
कब खत्म होगी पैसों की मंदी और ये भ्रष्टाचार ।
जीने दो चैन से हमें ये है हमारा विचार,
जिस दिन जाग गई सोयी जनता बंद करेगी भ्रष्टाचार ।
अब तो लोगों जाग जाओ,
भ्रष्टाचारी को दूर भगाओ ।
हर ओर फैला है भ्रष्टाचार,
हमारे देश को कर रहा बीमार ।
टीवी में भी यही समाचार,
हर ओर फैला है भ्रष्टाचार।