है खबर कि नहीं हूँ मुखातिब,
जमाने से अभी मैं,
मगर यकीं है इतना भी खुद पर,
कि अपने अंदाजे- तआरुफ़ से ,
बयां कर दुँगा इस कदर खुद को,
कि हर किसी के दिल में जगह लूंगा मैं|
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है खबर कि नहीं हूँ मुखातिब,
जमाने से अभी मैं,
मगर यकीं है इतना भी खुद पर,
कि अपने अंदाजे- तआरुफ़ से ,
बयां कर दुँगा इस कदर खुद को,
कि हर किसी के दिल में जगह लूंगा मैं|