नोटबंदी पे विपक्ष का मार झेल रही मोदी सरकार को जाने मने अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने भी निरंकुश करार दिया है। अमर्त्य सेन के अनुसार एक अधिनायकवादी सरकार ही ऐसे कदम उठा सकती है
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक अमर्त्य सेन ने कहा, ‘लोगों को अचानक बताया गया कि उनकी करेंसी अब काम की नहीं है, उसका इस्तेमाल वो अब नहीं कर सकते हैं। यह अधिनायकवाद जैसा है। सरकार इसे कथित तौर पर जायज ठहरा रही है।’
उनके अनुसार एक झटके में एक संविधानिक और लोकतान्त्रिक देश की जनता को कुटिल करार देना गलत है, जबकि समूचे देश की जनता ऐसी नही है।
अपने ही पैसों के लिए संघर्ष के साथ साथ अपमान सह रही जनता की गलती क्या थी जो उसे इस भवर में बिना बताये ही धकेल दिया गया और ऐसा करना एक अधिनायकवादी सरकार होने की तरह ही दर्शाता है जिसने तमाम निर्दोष जनता को असुविधा सहने के लिए विवश किया हो।
ज्ञात हो की वर्तमान भाजपा सरकार ने 8 नवम्बर को 500 और 1000 के नोटों को तत्काल प्रभाव से प्रचलन से बहार कर दिया था जिसके बाद विपक्ष की अधिकाधिक पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं।
आम जनता बैंकों के चक्कर काट रही है और अपने ही पैसों के लिए लाइनों में घंटो इंतज़ार करने के बावजूद मायूश होकर लौट रही है।