धीरे धीरे नोटबंदी का असर भारत के छोटे कारोबारियों पे पड़ने लगा है। सरकार के इस फैसले से एक बात तो साफ़ हो गयी है कि अब जो लोग अपने बिज़नेस में कैश से काम ज्यादा करते थे उनको अब अपने काम करने के तौर तरीके बदलने होंगे।
जहाँ छोटी कंपनियाँ अपने कैश को बदलने के प्रयास में हैं वहीं उनका बिज़नेस धीरे धीरे ठप पड़ने लगा है और उसका सीधा प्रभाव उन कंपनियों में काम करने वाले छोटे स्तर के वर्करों पे पड़ता दिख रहा है।
पूरे भारत में बहुत सारी कंपनियों का काम छोटे स्तर पे ही है जिसमे सबसे ज्यादा छोटी आईटी कंपनियाँ, कॉल सेंटर्स, छोटी फैक्ट्रीज और बहुत सारी कंपनियाँ जिनका काम सर्विस स्तर का है उनके वर्कर्स को ज्यादा दिन तक अब ये छोटी कंपनियाँ नही रखने वाली हैं।
अगर सरकार के नियम ऐसे ही कठोर रहे तो वो दिन दूर नही कि जब भारत में बेरोज़गारी कि समस्या बढ़ सकती है।